Water Nutrition for Weight Loss in Hindi By Happy Health India

Water Nutrition for Weight Loss in Hindi – वजन घटाना है! ये हैं आपके लिए बेस्ट न्यूट्रीएंट्स

जल ही जीवन है

पानी (water) आपके शरीर मे सबसे आवश्यक पोषक होता है। आपके शरीर का तकरीबन 70% हिस्सा पानी से बना है। आपके खून मे 90% पानी होता है। आपके मसल का 70% हिस्सा पानी होता है। आपकी हड्डियों का 20% हिस्सा पानी का होता है। बिना पर्याप्त मात्रा मे पानी के आपके शरीर का कोई भी हिस्सा ठीक ढंग से काम नही करेगा। आपके शरीर की सारी प्रक्रिया या तो पानी से होती है अथवा पानी पर निर्भर होती है! आइए जानते है वजन घटाना के लिए बेस्ट न्यूट्रीएंट्स के बारे में – Water Nutrition for Weight Loss in Hindi.

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न कैलोरी न कार्बोहाइड्रेट – No Calories no Carbohydrates

पानी (Water) मे ना तो कैलोरी होता है और ना ही कार्बोहाइड्रेट, साथ ही यह शरीर कि टॉक्सिन बाहर निकालने का काम करता है। शरीर मे प्रतिदिन के पानी की न्यूनतम जरूरत होती है एक लीटर (30-32 आउंस)। धीरे-धीरे पानी पीएं। जबर्दस्ती पानी ना पीएं। 

बहुत तेजी से पीना, या गटकना दर्द, असहजता और उल्टी की वजह बन सकता है। अधिकतर मरीज यह महसूस करते हैं कि गरम पानी (warm water) ठंडे की तुलना मे ज्यादा आसानी से नीचे चला जाता है। यह एक नया सिद्धांत होगा और इसके साथ एडजस्ट करने मे वक्त लगेगा। अगर सर्जरी के बाद आपको पानी का स्वाद अच्छा नहीं लग रहा है तो फ्लेवर लाने के लिए इसमे थोड़ा नींबू डाल सकते हैं।

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प्रोटीन – Protein

पानी (water) के बाद शरीर मे सबसे ज्यादा जो तत्व होता है, वह है प्रोटीन। प्रोटीन टूटकर अमीनो एसिड (Amino acid) मे बादल जाता है जो की बॉडी प्रोटीन्स के निर्माण के लिए जरूरी होता है। ये मांसपेशियों के विकास, रक्त, अंदरूनी अंग, त्वचा, बाल और नाखूनों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। 

प्रोटीन (Protein) हार्मोन्स, एंजाइम्स और एंटीबाडीज़ की उत्पत्ति के लिए भी आवश्यक होता है। प्रोटीन मेटाबोलिज़म बढ़ता है और खुराक घटाता है। लीन प्रोटीन मे फैट या कार्बोहाइड्रेट के मुक़ाबले दुगनी गर्माहट की शक्ति होती है…. यह आपके मेटाबोलिज़म को रफ्तार देता है। 

प्रोटीन की वजह से बढ़े हुए मेटाबॉलिज्म (Metabolism) के साथ आपका शरीर पहले जैसे कार्बोहाइड्रेट और फैट खाने के बावजूद ज्यादा कैलोरी बर्न (Calorie burn) कर पाएगा। इतना ही नहीं, बल्कि कार्बोहाइड्रेट के मुक़ाबले प्रोटीन ज्यादा संतुष्टिप्रद होता है। 

सारांश मे, प्रोटीन से स्वास्थ्य अच्छा होता है, कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है, आपके इंसुलिन की संवेदना बेहतर होती है, मेटाबॉलिज्म बढ़ता (Increase Metabolism) है, यह आपकी भूख को तृप्त करता है और वजन घटाने (Weight Loss) मे सहायक होता है। प्रोटीन के आम स्रोतों मे लीन मीट, पॉल्ट्री, मछली, अंडे, चीज, बीन्स और नट्स होते हैं।

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हर रोज प्रोटीन कितना लेना चाहिए – How much protein should be taken everyday

हर रोज 80 ग्राम प्रोटीन लेना आवश्यक है। पूरे दिन के प्रोटीन इनटेक के लिए वक्त निकालें।

याद रखें कि सर्जरी के बाद पहले कुछ हफ्ते, आपकी खुराक के माध्यम से प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा लेने मे कठिनाई होगी। ऐसे मे हम प्रोटीन सप्लीमेंट (Protein Supplement) लेने की सलाह देते हैं। अगर आप पर्याप्त मात्रा मे प्रोटीन नहीं लेंगे शरीर की ईंधन की जरूरतें पूरी करने हेतु आपकी मांसपेशियों का एकत्र हिस्सा खत्म होने लगेगा और आप कमजोर महसूस करेंगे। ऐसे मे इस बात का पूरा ध्यान रखें की आपको पर्याप्त प्रोटीन मिलता रहे।

प्रोटीन (Protein) एक ऐसा सबसे महत्वपूर्ण पोशक तत्व है जिसे आपको पूरी जिंदगी प्रतिदिन लेना जरूरी होता है। याद रखें आमतौर पर प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) से अधिक खर्चीला होता है। आप तोड़ा ध्यान लगाकर सोचें कि एक बैग भरकर आलू लेने पर कितना खर्च आएगा और इसकी तुलना मे एक टुकड़ा चिकन कितने का पड़ेगा। सर्जरी के बाद आलू खाने का कोई विकल्प नहीं होता है; आपको प्रोटीन (Protein) ही चुनना है, क्योंकि यह आपकी सेहत के लिए प्राणदायी है।

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कार्बोहाइड्रेट – Carbohydrate

सभी तरह के कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) समान रूप से नहीं बने होते हैं। कुछ हमारे लिए अछे होते हैं तो कुछ बुरे, जो कि वजन बढ़ाने और बीमार करने का काम करते हैं। कार्बोहाइड्रेट 2 रूपों मे आते हैं: पहले वो जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) कम (अच्छा) होता है, इन्हें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट भी कहा जाता है और दूसरे होते हैं ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले होते हैं, जो सिंपल कार्बोहाइड्रेट भी कहे जाते हैं। 

कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट (Complex Carbohydrate) से ब्लड ग्लूकोज (शुगर) का स्तर मामूली रूप से बढ़ता है। ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले सिंपल कार्बोहाइड्रेट तेजी से ब्लड ग्लूकोज (Blood Glucose) स्तर बढ़ते हैं। ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) वाले कार्बोहाइड्रेट कई क्रोनिक बीमारियों को बढ़ावा देते हैं। टाइप-2 डाइबीटीज (प्रौढ़ होने पर सामने आने वाली), हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और मोटापा जैसी तमाम समस्याएँ।

इन कार्बोहाइड्रेट से आपको परहेज करना चाहिए – You should avoid these carbohydrates

• सभी प्रोसेस्ड फूड-सभी सफ़ेद चीजें! स्टार्च और चीनी हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) वाली चीजें हैं और ये ब्लड शुगर स्तर को तेजी से बढ़ाने का काम करती हैं।

• ब्रेड

• स्टार्च वाली सब्जियाँ (आलू, शकरकंद और मीठे आलू)

• फलों के जूस, सॉफ्ट ड्रिंक।

• मिठाई, डेजर्ट

ऐसे कार्बोहाइड्रेट जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) कम होता है और इन्हें ले सकते हैं, वे हैं:

• सभी ताजे फल

• सभी ताजी सब्जियाँ (स्टार्च को छोड़कर)

• साबुत अनाज-गेहूं, ओट और ब्राउन राइस

पौष्टिकता की कमी, एनर्जी की कमी, डिप्रेशन को रोकने और शरीर का प्रोटीन बचाए रखने के लिए आपकी डाइट मे लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स / कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट (Low glycaemic index & complex carbohydrate) शामिल करना आवश्यक होता है। पर्याप्त पौष्टिकता बनाए रखने के लिए कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट खाएं।

याद रखें सिंपल कार्बोहाइड्रेट (Simple carbohydrates) और स्टार्चेज आपके वजन घटने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं और कई बार वजन बढ़ा भी सकते हैं!! प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट और स्टार्चेज से बचें जैसे कि चावल, ब्रेड, पास्ता, आलू, स्नैक क्रैकर और चिप्स आदि। सॉफ्ट कैलोरीज़ का स्नैक्स न खाएं और न ही लिक्विड कैलोरी लें।

शुगर – Sugar

शुगर (Sugar) की वजह से वजन बढ़ता है। ऐसे मे आपको अपना शुगर इनटेक बेहद कम करना होगा। अगर आप सामान्य शुगर खाएँगे तो आपके वजन घटने की प्रक्रिया कम हो जाएगी। कंसण्ट्रेटेड स्वीट लेने से आपके वजन घटाने की प्रक्रिया को नुकसान होगा और पर्याप्त मात्र मे आवश्यक प्रोटीन (Protein) लेने की आपकी क्षमता मे भी गिरावट आ जाएगी। ऐसे मे खाने की चीज लेते समय उसमे शुगर की मात्रा की जांच लेबल पढ़कर करें। ज्यादा शुगर वाली चीजों से परहेज करें।

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