Vitamin D Deficiency Causes, Diseases, Source, Benefits & Treatment in Hindi

Vitamin D Deficiency Causes, Diseases, Source, Benefits & Treatment

आजकल लोगों के शरीर में कम उम्र में ही दर्द होने लगता है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। बुढ़ापे में होने वाली बीमारियां आजकल कम उम्र में ही होने लगी हैं और इसका कारण हमारी बदली हुई जीवनशैली है। स्वस्थ जीवन जीने के लिए मनुष्य को कई प्रकार के विटामिन की आवश्यकता होती है और इन्हीं में से एक विटामिन है विटामिन डी। विटामिन डी के कमी से शरीर को कई प्रकार के रोग हो जाते हैं। इस विटामिन की कमी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है।

विटामिन डी हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि शरीर में विटामिन डी की कमी से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां भी हो जाती हैं। जी हां, विटामिन डी की कमी से शरीर कमजोर हो जाता है और बोन कैंसर की खतरनाक कोशिकाएं कमजोर शरीर पर जल्दी हमला कर देती हैं।

विटामिन डी की कमी होने पर इसकी कमी के शुरूआती लक्षण शरीर में दिखने लगते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग इन लक्षणों को नहीं पहचान पाते। विटामिन डी कुछ खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है जैसे की कुछ मछली, मछली यकृत तेल, और अंडे की जर्दी, डेयरी प्रोडक्ट और अनाज आदि में। 

आज हम आपको विटामिन डी और विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियों की जानकारी हिंदी में देंगे। तो आइए जानते है विटामिन डी की कमी के कारण, लक्षण, रोग, स्रोत, लाभ यानी फायदे, बचाव के उपाय और प्राकृतिक उपचार के बारे में।

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विटामिन डी क्या होता है – What Is Vitamin D in Hindi

कुछ लोगों को विटामिन डी के बारे में पता नहीं होता है, इसलिए वे गूगल पर सर्च करते हैं कि विटामिन डी क्या है, और विटामिन डी की कमी से क्या होता है। विटामिन डी एक फैट सॉल्यूबल विटामिन है, और यह विटामिन हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है। शरीर के सभी मुख्य कार्य विटामिन डी द्वारा किए जाते हैं। कई डॉक्टर विटामिन डी की तुलना हार्मोन से करते हैं।

विटामिन डी के प्रकार – Types of Vitamin D

Ergocalciferol एर्गोकैल्सीफेरोल (विटामिन डी 2) – यह विटामिन पेड़ पौधों से प्राप्त होता है।

Cholecalciferol कोलेकैल्सीफेरोल (विटामिन डी 3) – यह विटामिन तब बनता है जब हमारी त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आती है। यह विटामिन कुछ पशु स्रोतों यानी Animal source से भी प्राप्त होता है। Vitamin D ki Kami Se Hone Wale Rog in Hindi

विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग – Disease Caused by Vitamin D Deficiency

मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होना

सिर का अत्यधिक पसीना आना

दिन में अधिक नींद आना

शरीर में हमेशा थकान रहना

मसूड़ों से जुडी बीमारिया होना

पीठ का दर्द होना

रक्तचाप बढ़ना

तनाव में रहना

मांसपेशियों में तनाव

वजन का बढ़ना

विटामिन डी की कमी के कारण – Causes of Vitamin D Deficiency in Hindi

आपके शरीर को अच्छी तरह से काम करने के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है। विटामिन डी की कमी के लक्षणों (Symptoms of vitamin D deficiency) में मांसपेशी कमजोरी, दर्द, थकान और अवसाद शामिल हो सकते हैं।

1. विटामिन डी हमारी त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से बनता है, इसलिए यदि आप ऐसी जगह रहते हैं जहां धूप नहीं है या आप धूप में बाहर नहीं जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है।

2. हमारे शरीर में जो भी विटामिन डी बनता है, उसे हमारी किडनी उसे अपने सक्रिय रूप में बदल देती है। जब किसी कारण से हमारी किडनी विटामिन डी को अपने सक्रिय रूप में परिवर्तित करने में असमर्थ होती है, तब हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी होती है। अधिकतर वृद्धावस्था में गुर्दे की विटामिन डी को अपने सक्रिय रूप में परिवर्तित करने की क्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण वृद्धावस्था में शरीर में अक्सर विटामिन डी की कमी हो जाती है।

3. उम्र बढ़ने के साथ साथ भी हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है। उम्र बढ़ने के साथ त्वचा की सूरज की रौशनी के साथ विटामिन डी निर्मित करने की क्षमता कम हो जाती है और इसके साथ ही किडनी विटामिन डी को ठीक से सक्रिय रूप में नहीं बदल पाती है, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है।

4. मोटापा भी विटामिन डी की कमी का एक प्रमुख कारण है। मोटापे के कारण रक्त में मौजूद विटामिन डी को फैट सेल्स एक्सट्रेक्ट करने लगती है|। विटामिन डी के एक्सट्रेक्ट होने के कारण रक्त परिसंचरण में विटामिन डी की कमी हो जाती है। एक शोध के अनुसार बीएमआई 30 से अधिक होने पर विटामिन डी की कमी हो जाती है।

5. अगर आप नॉन वेज नहीं खाते हैं तो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है, क्योंकि प्राकृतिक रूप से विटामिन डी नॉनवेज चीजों जैसे अंडे और मछली में ही पाया जाता है।

6. जो लोग टीबी की बीमारी से पीड़ित होते हैं उनके शरीर में विटामिन डी की कमी पाई जाती है।

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विटामिन डी की पूर्ति कैसे करे – Source of Vitamin D in Hindi

वैसे तो सब जानते ही है की सनशाइन को विटामिन डी के रूप में भी जाना जाता है, त्वचा के मुकाबले त्वचा के जवाब में शरीर द्वारा विटामिन डी का उत्पादन होता है।

सूर्य की किरणें – Sun Rays

विटामिन डी की कमी को पूरा करने का सबसे अच्छा और सस्ता माध्यम सूर्य की किरणें हैं। अगर आप अपने शरीर से विटामिन डी की कमी को दूर करना चाहते हैं तो रोजाना सुबह की धूप में आधे से एक घंटे तक बैठें। सूर्योदय के दो से तीन घंटे बाद विटामिन डी सबसे अच्छा प्राप्त होता है।

जिन लोगों की त्वचा सांवली होती है, उनकी त्वचा को विटामिन डी बनने में कम समय लगता है, इसलिए सांवली त्वचा वाले लोगों को गोरी त्वचा वालों की तुलना में अधिक समय तक धूप में बैठना चाहिए। यदि आप सूर्य की किरणों की ओर मुख करके कमर के बल बैठेंगे तो अधिक लाभ होगा।

विटामिन डी आहार – Vitamin D Diet

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मशरूम, मछली, अंडे, दही, दूध और पनीर का सेवन करके भी आप अपने शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं। अंडे, मछली जैसी मांसाहारी चीजें खाने से विटामिन डी की आपूर्ति जल्दी होती है।

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विटामिन डी दवाएं –  Vitamin D Tablets

आप चाहें तो विटामिन डी की कमी को दवाओं से भी पूरा कर सकते हैं। बाजार में विटामिन डी युक्त कई प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना इन विटामिन डी दवाओं का सेवन न करें। क्योंकि इन दवाओं का ज्यादा सेवन आपके शरीर के लिए हानिकारक होता है। 

विटामिन डी युक्त दवाओं की मात्रा का सेवन इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति के शरीर में विटामिन डी की कितनी कमी है, इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना इनका सेवन करना खतरनाक साबित हो सकता है।

विटामिन डी के फायदे – Benefits of Vitamin D

1. विटामिन डी से अस्थमा के मरीजों को फायदा होता है।

2. विटामिन डी के सेवन से दिमाग ठीक से काम करता है।

3. विटामिन डी टीबी के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।

4. शरीर में कैल्शियम का अवशोषण करने के लिए विटामिन डी आवश्यक है।

5. विटामिन डी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाता है।

6. विटामिन डी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

7. स्वस्थ हृदय के लिए विटामिन डी आवश्यक है।

8. विटामिन डी मोटापे को बढ़ने नहीं देता है।

9. गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए।

इस आर्टिकल में हमने आपको विटामिन डी की कमी के कारण, लक्षण, रोग, स्रोत, लाभ यानी फायदे, बचाव के उपाय और प्राकृतिक उपचार के बारे में विस्तार से बताया है। आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

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