Best Exercise for Bone Density By Happy Health India
फ्रैक्चर प्रूफ (Fracture Proof) रहने के लिए करें एक्सरसाइज
हड्डियों (Bones) को हमेशा हेल्दी रखने के लिए हेल्दी डाइट (Healthy Diet) लेने के साथ-साथ व्यायाम यानी एक्सरसाइज (Exercise) भी जरूरी होता है। हड्डी (Bone) एक लाइव टिश्यू है, यही वजह है की इसे जितना सक्रिय यानी एक्टिव रखा जाता है, यह उतना ही अच्छा प्रतिक्रिया (Response) देती है। आइए जानते है हड्डियों और जोड़ों को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए एक्सरसाइज के बारे में – Best Exercise for Bone Density.
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Best Exercise for Bone Density By Happy Health India |
30 की उम्र के बाद घटने लगती है बोन डेंसिटी – Bone Density Decrease After the Age of 30
30 साल की उम्र के बाद हड्डियों (Bones) में मिनरल्स की कमी होने लगती है, जिसे नियमित व्यायाम (Regular Exercise) से कंट्रोल किया जा सकता है।
क्या है बोन लॉस? – What is Bone Loss?
हड्डियां (Bones) प्रोटीन, खनिज और कैल्शियम का एक घटक हैं, जिनमें कैल्शियम (Calcium) सबसे महत्वपूर्ण होता है। 30 से अधिक उम्र में पहुंचने पर, हमारी हड्डियां अपने घनत्व के अधिकतम स्तर पर पहुंच जाती हैं। हमारी हड्डियों (Bones) में कुछ खनिज लगातार खत्म होते और बनते रहते हैं। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों (Bones) को होने वाला नुकसान इनके नवीनीकरण की प्रक्रिया से ज्यादा तेज हो जाता है। यही वजह है कि हड्डियों (Bones) में कैल्शियम और खनिजों (Calcium and Minerals) की मात्रा कम होने लगती है।
क्या है ऑस्टियोपोरोसिस – What is Osteoporosis
जब हड्डियों का घनत्व (Bone Density) बेहद कम हो जाता है, तब हड्डियां कमजोर (Bones Weak) हो जाती हैं। इस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) कहते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस वाली हड्डियां (Osteoporosis Bones) हल्की चोट लगने पर भी टूट सकती हैं, बुजुर्गों में यह समस्या आम बात होती है।
बोन बिल्डिंग एक्सरसाइज – Bone Building Exercise
जिसकी हड्डियों का अधिकतम घनत्व (Maximum Bone Density) जितना अधिक होगा उसे बाद में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) होने का खतरा उतना ही कम रहेगा। हम रेग्युलर एक्सरसाइज (Regular Exercise) से हड्डियों को होने वाले नुकसान को रोक सकते हैं। एक्सरसाइज से हड्डियों (Bones Exercise) के साथ-साथ जोड़ों को सपोर्ट करने वाली मसल्स (Muscles) भी मजबूत बनती हैं।
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बोन डेंसिटी बढ़ाने मे कारगर हैं ये एक्सरसाइज – How to Increase Bone Density
वेट बियरिंग एक्सरसाइज – Weight Bearing Exercise
Weight bearing exercise हड्डियों की मजबूती के लिए सबसे अच्छे होते हैं। इससे हड्डियों (Bones) पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और इससे हड्डियों को मजबूती (Bones Strengthen) मिलती है। कोई भी ऐसा काम जिससे आपके शरीर पर गुरूत्वाकर्षण शक्ति के विरूद्ध कार्य करने का दबाव पड़े उसे वेट बियरिंग एक्सरसाइज (Weight Bearing Exercise) कहते हैं। ये व्यायाम हड्डियों की मजबूती बढ़ाने (exercises increase bone strength) और इनका अधिकतम घनत्व बढ़ाने का काम करते हैं। हालांकि इस व्यायाम (Exercise) की इंटेंसिटी शरीर की क्षमता और मजबूती के हिसाब से निर्धारित होनी चाहिए। इसके साथ ही एक्सरसाइज का टाइम और इंटेंसिटी धीरे-धीरे बढ़ाई जानी चाहिए।
वेट ट्रेनिंग – Weight Training
इसमें भारी वजन उठाना शामिल है जो पूरी तरह से स्वस्थ व्यक्ति को करना चाहिए। जो पुरूष व महिलाएं 20 साल की उम्र में यह व्यायाम शुरू कर देते हैं उनकी अधिकतम बोन डेंसीटी (Bone Density) अन्य लोगों के मुक़ाबले ज्यादा होती है।
हाइकिंग – Hiking
अगर आप ऐडवेंचर लवर (Adventure Lover) हैं, तो हाइकिंग, ट्रैकिंग और माउंटियरिंग करें। इससे न सिर्फ आपको मजा आएगा बल्कि आपकी हड्डियों को मजबूती (Strengthen Bones) भी मिलेगी।
डांस और एरोबिक्स – Dance and Aerobics
जिन लोगों को नृत्य (Dance) का शौक है, उनके लिए तो इससे बेहतर एक्सरसाइज कोई हो ही नहीं सकती। आप एरोबिक्स (Aerobics) भी कर सकते हैं।
दौड़ – Running
यदि आप हड्डियों के घनत्व (Bone Density) को बढ़ाना चाहते है तो रोज कुछ किलोमीटर दौड़ें (Running)। यह आदत इस बात को सुनिश्चित करेगी कि आप उस उम्र में पहुंचने के बाद भी दौड़ सकेंगे जब आपके बराबर वाले चल पाने में भी तकलीफ महसूस करेंगे।
सीढ़ियां चढ़ें – Climb the Stairs
हड्डियों और मांसपेशियों (Bones and Muscles) को मजबूती देने का यह एक अन्य तरीका है जो आपकी ताकत भी बढ़ाता है। रोजाना एलिवेट छोड़कर सीढ़ियां चढ़ें (Stair Climbing)।
तेज कदमों से चलें – Brisk Walk
जो लोग किसी कारण से अन्य व्यायाम यानि एक्सरसाइज (Exercise) नहीं कर सकते, उन्हें रोजाना 30 मिनट तेज कदमों से चलना चाहिए।
पोश्चर ठीक करने और मसल्स को मजबूती देने वाली एक्सरसाइज – Exercises for Improve Posture and muscles
योग – Yoga
योग (Yoga) शरीर के संतुलन में सहायक होता है और शरीर (Body) को ज्यादा लचीला बनाता है। लंबे समय के परिणामों के तहत, इससे स्नायुबंधन और मांसपेशियों (Ligaments and Muscles) में चोट से बचाव होता है।
पोश्चर संबंधी व्यायाम – Posture related exercise
अगर आप रोजाना ऑफिस में घंटों कुर्सी पर बैठकर कंप्यूटर पर काम करते हैं, तब आपकी रीढ़ की हड्डी (Spine) में तकलीफ होने का खतरा बढ़ जाता है। मुद्रा संबंधी एक्सरसाइज (Mudra Related Exercise) जैसे कंधों के अकड़न (Shoulder Joint Pain), पीठ के दर्द (Back Pain) से राहत दिलाते हैं और गर्दन को सीधा रखने के साथ-साथ आपकी रीढ़ की हड्डी को भी स्वस्थ रखते हैं।